बॉलीवुड में जहां आज के दौर में एक्टर्स की चर्चा उनकी ब्रांड डील्स, सोशल मीडिया फॉलोअर्स और 100 करोड़ क्लब से होती है। लेकिन ये इतना आसान नहीं था पहले के दौर मैं जब एक्टर बहोत कम पैसा कमाते थे। खास कर के तब उनकी पहचान उनके एक्टिंग के बलबूते पे होती थी। उस दौर में एक नाम ऐसा था जो अपने दमदार अभिनय और रीयलिस्टिक अप्रोच के लिए जाना जाता था — नाना पाटेकर। आज हम आपको बताने जा रहे है आइसे ही रोमांचित किस्सा जो आपको अचम्बित कर सकता है।
Nana Patekar जिनके अभिनय मैं सच नजर आता था
अगर हम नाना पाटेकर को भारत का पहला मेथड एक्टर भी कहे तो कुछ गलत नहीं होगा। हम आज भी उनकी पुराने फिल्मों के कायल है यहा तक के हम उनको असलियत मे दोहरना चाहते है फिर चाहे वो तिरंगा के शिवाजी वागले हो या वैल्कम फिल्म के उदय शेट्टी हो। उन्होंने अपने किरदारों को सिर्फ निभाया नहीं, बल्कि जिया। क्रांतिवीर का जबरदस्त भाषण हो, प्रहार का कठोर सैनिक, यशवंत का ईमानदार पुलिसवाला या अब तक छप्पन का साइलेंट किलर — हर भूमिका में उन्होंने खुद को पूरी तरह ढाल दिया। उनके डायलॉग्स सिर्फ संवाद नहीं, बल्कि आग होते थे।
1 करोड़ की फीस: अभिनय की असली कीमत
हाल ही में द लालनतोप को परेश रावल जी ने इंटरव्यू दिया उसमाइन उनको कई खुलासे किए। उनके मुताबिक एक वक्त था जब बॉलीवुड में एक करोड़ रुपये फीस लेना सिर्फ सुपरस्टार्स के बस की बात मानी जाती थी। लेकिन नाना पाटेकर ने इस सोच को बदल दिया। वह पहले ऐसे मेथड एक्टर बने जिन्होंने एक फिल्म के लिए 1 करोड़ रुपये फीस ली। यह न सिर्फ उनके टैलेंट की पहचान थी, बल्कि उस दौर के लिए यह एक क्रांतिकारी कदम था — जब अभिनय को भी उतनी ही कीमत मिलनी शुरू हुई जितनी ग्लैमर को मिलती थी।
इतनी कमाई के बाद भी जमीन से जुड़ा सितारा
इतनी सफलता और सम्मान के बावजूद नाना पाटेकर का जीवन बेहद सादा रहा है। नाना ज्यादा समय अपने खेत खलियान मैं बिताना पसंद करते है। वे लाइमलाइट से दूर रहते हैं और ज़्यादातर समय समाजसेवा में व्यस्त रहते हैं। खासकर किसानों की मदद और शहीद सैनिकों के परिवारों के लिए उनका योगदान उल्लेखनीय है। उन्होंने कई बार कहा है कि “फिल्में सिर्फ काम हैं, असली ज़िंदगी वहां है जहां लोग संघर्ष कर रहे हैं।” नाना के यह शब्द हमे दर्शाते है की उनके प्रति कितना भाव और कागव है आम आदमी के प्रति।
Nana Patekar एक आयकॉन है
नाना पाटेकर ने साबित किया कि सच्चा कलाकार वही होता है जो दर्शकों के दिल में उतर जाए — बिना मेकअप, बिना मसाले, सिर्फ सच्चाई के दम पर। उन्होंने न सिर्फ अपने अभिनय से, बल्कि अपने जीवन के तौर-तरीकों से भी लोगों को प्रभावित किया।